Friday

मुजफ्फरनगर दंगों की हकीकत ?

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मुजफ्फरनगर दंगों की सियासतकभी-कभी हकीकत कल्पना से भी ज्यादा हैरतअंगेज होती है. एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद मुजफ्फरनगर दंगों के बारे में ऐसी ही हकीकत सामने आयी है. इस स्टिंग में इलाके के कई पुलिस अधिकारी यह कहते दिखे हैं कि दंगे के शुरुआती चरण में ही दोहरी हत्या के सात संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया था, पर लखनऊ से आजम नाम के नेता ने फोन पर उन्हें छोड़ने का दबाव डाला.
संदिग्धों के नाम लिखायी गयी एफआइआर भी उसी नेता के दबाव में हटायी गयी. मुजफ्फरनगर में दंगों को भड़काने में निहित स्वार्थो को बेनकाब करने के उद्देश्य से प्रेरित स्टिंग यह साबित करता प्रतीत होता है कि शुरू में संदिग्धों को छोड़ने से गलत संदेश गया. दंगाइयों के एक पक्ष ने समझा कि पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती, तो दूसरे पक्ष ने माना कि यूपी का प्रशासन खुद दंगाइयों को शह दे रहा है. ऐसे में हिंसा का रूप विकराल होता गया. स्टिंग का वीडियो सामने आने पर समाजवादी पार्टी बगले झांक रही है.
पुलिसवाले जिस नेता का नाम आजम बता रहे हैं, लखनऊ विधानसभा में विपक्ष उसके पूरे नाम का उच्चारण आजम खान के रूप में करके यूपी सरकार के इस मंत्री की कारस्तानियों की जांच कराने की मांग कर रहा है. आजम खान स्टिंग के तथ्यों को सिरे से नकार कर कह रहे हैं कि कोई चाहे तो उनके कॉल डिटेल्स खंगाल ले. बहरहाल, सियासी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच कुछ बातें नेपथ्य में चली गयी हैं. यूपी में सत्ता के बरक्स प्रशासन की स्वायत्तता और आपराधिक तत्वों से राजनीति की सांठगांठ का सवाल एसडीएम दुर्गाशक्ति के निलंबन मामले में भी उछला था. यह सवाल फिर जीवित हुआ है, क्योंकि स्टिंग में शामिल कुछ पुलिस अधिकारियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
इस दंगे से जुड़े कुछ असहज सवाल और भी हैं. मसलन दंगे भड़काने के आरोपी भाजपा और बसपा के स्थानीय विधायक गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर भी छुट्टा क्यों घूम रहे हैं? दंगे से तुरंत पहले किसानों की हथियारबंद महापंचायत कैसे हुई और उसमें सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील नारे कैसे लगे? इन सवालों की रोशनी में सत्ता के हाथों की कठपुतली बने पुलिसतंत्र को जनहित में आजाद करने का सवाल भी मौजू हो जाता है.
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Tuesday

शराब छुड़ाने में इन बातों का रखे ख्याल !

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दिनेश शुक्ल = शराब की बुरी लत को ‘अल्कोहलिस्म’ कहते हैं. जब कोई इनसान शराब का आदी हो जाये और वह उसके बगैर अपने को कमजोर समझने लगे. किसी भी कीमत पर उसे छोड़ने को तैयार न हो, उसकी कमी उसे हमेशा महसूस होती रहे. उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहे. ऐसी स्थिति में शराब का सेवन उसके परिवार व स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है.
 शराब जो पहले शौक बनती है. फिर आदत और बाद में जरूरत बन कर इनसान को शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक, सामाजिक एवं वित्तीय रूप से काफी नुकसान पहुंचाती है. ऐसा हम हमेशा टीवी चैनलों या अखबारों के माध्यम से देखते और पढ़ते हैं कि इनसान ज्यादातर गलत काम शरीब पीकर ही करता है. यहां तक कि बलात्कार जैसी गंदी वारदात भी शराब को पीकर ही करता है. वरना कोई पांच साल तक की बच्चियों का बलात्कार कभी होश में नहीं कर सकता है, शराब ही उसके मानसिक संतुलन को बिगाड़ देती है.
जब ऐसी गंदी लत किसी को लग ही जाती है, तब उसे इस दलदल से निकालने का हमारा कर्त्तव्य हो जाता है कि वह इनसान शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक एवं सामाजिक स्तर पुन: मान-सम्मान पा सके. ऐसी लत को छुड़ाने में होमियोपैथिक दवाइयां काफी कारगर होती है. बशत्त्रे वह इनसान दवाओं को दिल से स्वीकार करें.
शराब की इस बुरी लत को ‘अल्कोहलिस्म’ कहते हैं. जब कोई इनसान शराब का इतना आदी हो जाये कि वह उसके बगैर अपने को कमजोर समझने लगे और किसी भी कीमत पर उसे छोड़ने को तैयार न हो, उसकी कमी उसे हमेशा महसूस होती रहे, उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहे.
अल्कोहलिस्म यानी शराब की लत का शरीर के विभिन्न अंगों पर क्या असर होता है, पहले यह जान लें.
पाचन तंत्र: सुबह उठते ही उल्टी जैसा लगना, भूख में कमी,अनपच जैसा पतला शौच करना, कभी-कभी मुंह से उल्टी के साथ रक्त जैसा आना, आंत नली का कैंसर तक हो जाना.
यकृत (लीवर): यकृत की कोशिकाओं में चर्बी जमा हो जाना (फैटी लीवर), सिरोसिस लीवर, पेन्क्रियाज में सूजन.
दिमागी तंत्र: यादाश्त में कमी, सोचने, समझने की क्षमता कम हो जाती है.
मांसपेशियां: छाती एवं कमर की मांसपेशियां सूखने लगती है.
अस्थि तंत्र: हड्डियां कमजोर हो जाती है. कैल्शियम, मैग्निशियम, फास्फोरस एवं विटामिन डी की कमी से, हड्डी टूटने पर जुड़ना मुश्किल हो जाता है, हड्डी की मज्जा कमजोर होकर, लाल रक्त कण, श्वेत रक्त कण एवं प्लेटलेट का बनना कम कर देता है.
हारमोनल तंत्र: चीनी की बीमारी हो जाती है, इंसुलीन की कमी से.
हृदय तंत्र: उच्च रक्त दबाव हो जाता है. (हाइ ब्लड प्रेशर)
श्वास नली तंत्र : दमा की शिकायत हो जाती है, क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है.
त्वचा: बैक्टीरिया, फ फूंदी जल्द असर करते हैं और जल्दी समाप्त नहीं होते हैं, क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. सोरियेसिस जैसा चर्म रोग भी हो सकता है, किडनी की खराबी भी होती है.
मर्दो में नपुंसकता एवं टेस्टीस (अंडकोष) सूख जाते हैं. स्त्रियों में ओवरी एवं बच्चेदानी में खराबी, बच्च न होना, बार-बार गर्भ गिरना (हेबिचुअल अबोरशन) इत्यादि बीमारी हो जाती है.  
होमियोपैथिक दवाइयां
स्टरकुलिया एकुमिनाटा: शरीर में अत्यधिक कमजोरी लगे जैसा हृदय की गति कम हो गयी हो, यह दवा भूख बढ़ाती है और खाना पचाने में सहायक होती है. मुंह का स्वाद ऐसा कर देती है कि शराब की महक से नफरत होने लगती है और उसकी इच्छा को कम कर देती है. 5-10 बूंद अर्क में सुबह-रात आधे कप पानी के साथ लें.
अवेना साटाइवा: मानसिक एवं यौन संबंधी कमजोरी लगे. शराब के बिना एक पल भी रहना मुश्किल लगे. नींद बिल्कुल गायब हो जाये, तब 10 से 20 बूंद मूल अर्क में थोड़ा सुसुम पानी के साथ सुबह-रात लें.
क्यूरीकस ग्लैडियम स्प्रिटस: शराब से पैदा हुए डर बुरे असर को यह दवा काटती है.शराब के प्रति नफरत पैदा करती है, क्योंकि यह दवा लेने के बाद जब भी कोई शराब लेता है, तब उसे उल्टी के जैसा लगता है या उल्टी हो सकती है, इसलिए डर से शराब छोड़ने लगता है. यह दवा 10 बूंद मूल अर्क लेकर एक चम्मच पानी के साथ दिन से चार बार दिन भर लें.
नक्स वोमिका: वैसे स्वभाव के लोग शराब अधिक लेते हों, पतले, चिड़चिड़े हो, जरा सा भी शोर रोशनी और खुशबू बर्दाश्त न होती हो. सुबह उठते ही या खाना खाने के बाद उल्टी के जैसा लगता हो, भूख में बहुत कमी रहती हो और हमेशा शराब की जरूरत महसूस होती है. तब 200 शक्ति की दवा रोज रात में ले. काफी लाभ पहुंचेगा और शराब के द्वारा पैदा सभी खराबियों को सही कर देगा.
कैप्सीकम: वैसे शराब की लतवाले रोगी, जो मोटे शरीर के हों, शारीरिक काम बिल्कुल न करना चाहे और अकेले घर ही में रहना पसंद करते हों (होम सिकनेस) यहां तक की नहाना न चाहें, गंदा रहने की आदत रहे. दोनों हाथों को सीधा रखने पर कंपन रहे (डेलेरियम ट्रेमर). तब 200 शक्ति की दवा रोज सुबह-रात लें.
नोट: दवा का सेवन कम से कम तीन महीने तक करें.
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Sunday

होम लोन की प्रमुख बातें

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दिनेश शुक्ल ।। अपने सपनों का घर कौन नहीं बनाना चाहता। इस सपने को साकार करने में मददगार है होम लोन। घर का हसीन सपना बुरा सपना न बन जाए इसलिए होम लोन के बारे में तफ्सील से जानना बहुत जरूरी है:

क्या है होम लोन? महंगे होते रीयल स्टेट के बाजार में अपना मकान बनाने के लिए आज होम लोन जरूरत बना गया है। सचाई यही है कि आज के वक्त में रीयल स्टेट से जुड़ी ज्यादातर बड़ी डील्स लोन के जरिए ही होती हैं। जब बैंक मकान खरीदने के लिए ब्याज के साथ मूल रकम को वापस करने के लिए लोन देते हैं, तो इसे ही होम लोन कहा जाता है। किसी को ज्यादा से ज्यादा कितना लोन दिया जा सकता है, बैंक इसका निर्धारण सैलरी, प्रॉपर्टी आदि के आधार पर करते है। इसके अलावा आपकी कुल इनकम, सैलरी, खर्च आदि का वेरिफिकेशन भी किया जाता है।

क्या है EMI? EMI का मतलब होता है, इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट। वह रकम जो लिए गए लोन के भुगतान के तौर पर हर महीने बैंक को तय किश्तों में ब्याज के साथ वापस करनी होती है। EMI में दो तरह के अमाउंट शामिल हैं , प्रिंसिपल अमाउंट और इंटरेस्ट अमाउंट। प्रिंसिपल अमाउंट वह मूल रकम है जो आप बैंक से लोन के रूप में लेते हैं, जबकि इंटरेस्ट अमाउंट आपकी लोन रकम पर लगाने वाला ब्याज होता है।

अलग-अलग EMI प्लान्स अक्सर लोन लेकर अपना सपना साकार करने के जोश में लोग EMI प्लान्स को ठीक से नहीं समझ पाते और उन्हें भुगतान अपनी गाढ़ी कमाई से करना पड़ता है। लोन दिए जाने के समय बैंक अलग-अलग तरह की EMI स्कीम्स आपको बताते हैं।

समझें अपना EMI प्लान - इस बात का खास ख्याल रखें कि आप बाजार में खड़े हैं, इसलिए अपने फायदे का सौदा देख कर ही डील करें।

- अक्सर ऐसा होता है कि EMI प्लान करते समय आप दूर की नहीं सोचते और EMI अडवाइजर की बातों को ही सही मान बैठते है। सभी शंकाओं का समाधान होने तक लोन न लें।

- ज्यादातर लोग शॉर्ट EMI और लॉन्ग ड्यूरेशन का प्लान इसलिए चुन लेते हैं क्योंकि उनको यह दिखता है कि हर महीने कम पैसा देना पड़ेगा। बाजार और मुनाफे के हिसाब से यह घाटे की डील है।

- दिखने वाली आसान किश्तों के नाम पर शॉर्ट EMI-लॉन्ग ड्यूरेशन का प्लान चुन लेने का सीधा असर कुल ब्याज पर पड़ता है और कस्टमर को ज्यादा रकम ब्याज के तौर पर देनी पड़ती है।

EMI प्लैनिंग पर एक्सपर्ट सलाह होम लोन सलाहकार की तरह कई सालों से काम कर रहे अभिषेक का कहना है कि:

-लोन लेते वक्त सबसे पहले अपनी जेब का दायरा समझें।

-एक अच्छी EMI प्लैनिंग वह है, जिसमें हम अपने बजट के हिसाब से मैक्सिमम EMI मिनिमम ड्यूरेशन तय करें।

-जितनी ज्यादा अमाउंट का EMI हम ले पाएंगे, हमारे लोन की ड्यूरेशन उतनी ही कम होगी और इससे कुल ब्याज में भारी कमी आएगी।

- हमारी पहली कोशिश अधिक से अधिक प्रिंसिपल अमाउंट चुकाने की होनी चाहिए।

इंटरेस्ट के जाल को ऐसे समझें - आमतौर पर सभी बैंक इस तरह के EMI प्लान्स रखते हैं, जिसमें ज्यादा से ज्यादा ब्याज वसूला जा सके। उसके बाद ही मूलधन रिकवर की बात आती है।

- मान लीजिए अगर आपने किसी बैंक से 20 साल के लिए 11 फीसदी ब्याज पर 20 लाख रुपए का लोन लिया। इस EMI स्कीम के तहत आपको हर महीने तकरीबन 20,644 रुपए देने होंगे। अगर आप इस अमाउंट पर गौर करें, तो आपने बेशक 20,644 रुपए बैंक को दिए, लेकिन इस अमाउंट में से केवल 18,333 रुपए ब्याज के तौर पर बैंक में जमा हुए, जबकि आपके प्रिंसिपल अमाउंट के तौर पर केवल 2310 रुपए गए। इसका मतलब कुल 20 लाख की लोन रकम से मात्र 2310 रुपए कम हुए और अगले महीने आपको 19 लाख 97 हजार 910 रुपए पर ब्याज देना होगा।

- इस स्कीम से एक बात साफ समझ में आती है कि अगर प्रिंसिपल अमाउंट कम जमा होगा, तो ब्याज ज्यादा देना पड़ेगा।

- अगर हम लोन का ड्यूरेशन कम करके इसे 15 साल का कर लें, तो हमारी EMI 22,732 रुपए होगी। इस स्कीम में हमारा प्रिंसिपल अमाउंट 2310 रुपए की बजाय लगभग उसका दोगुना यानी 4399 रुपए हो जाएगा।

सॉफ्टवेयर ऐप्स भी करेंगे मदद तकनीक के इस दौर में EMI प्लैनिंग से जुड़े तमाम सॉफ्टवेयर भी आसानी से उपलब्ध हैं। गूगल ऐंड्रॉयड ऐप्लिकेशन EMI एक्सपर्ट प्रो ऐसा ही एक अच्छा सॉफ्टवेयर ऐप है, हालांकि यह फ्री नहीं है, इसकी कीमत 99 रुपए है। ऐसे सॉफ्टवेयर्स आपको हर एक स्कीम के फायदे और नुकसान सेकंडों में समझा देते हैं।
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Saturday

पुदीना स्वादिष्ट तो है ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है

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दिनेश शुक्ला -पुदीना को गुणों की खान कहें, तो अतिशयोक्ति न होगी. यह विटामिन-ए से भरपूर होता है. इसका स्वाद व सुगंध भोजन को लजीज बनाता है. पुदीना को घरों में उपलब्ध छोटी-सी जगह, जैसे-गमलों में आसानी से उगाया जा सकता है. पुदीने की चटनी स्वादिष्ट तो होती ही है, सेहत के लिए भी फायदेमंद है. पुदीने का अर्क दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. पुदीना पाचक तथा कफ, वायु, उल्टी, पेट दर्द और कृमि का नाशक है. यूनानी मत के अनुसार पुदीना अमाशय को शक्ति देनेवाला, पसीना लाने में सहायक बताया गया है. यह मासिक धर्म के अवरोध को भी दूर कर देता है. पुदीना पौधा नहीं, दवा भी हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिला कर पिलाने से लाभ होता है. उल्टी-दस्त, हैजा हो, तो आधा कप पुदीने का रस हर दो घंटे पर रोगी को पिलाएं. अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिला कर पीने से लाभ होता है. पेट दर्द और अरु चि में तीन ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, काली मिर्च, कुछ नमक डाल कर गरम करके पीने से लाभ होता है. प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है. बिच्छू के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है. पुदीने को पानी में उबाल कर थोड़ी चीनी मिला कर उसे गरम-गरम चाय की तरह पीने से बुखार दूर होती है. बुखार के कारण आयी निर्बलता भी दूर होती है. धनिया, सौंफ व जीरा बराबर-बराबर लेकर उसे भिंगो कर पीस लें. फिर 100 ग्राम पानी मिला कर छान लें. इसमें पुदीने का अर्क मिला कर पीने से उल्टी का शमन होता है.  
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